हाल-ए-ग़म उन को सुनाते जाइए शर्त ये है मुस्कुराते जाइए आप को जाते न देखा जाएगा शम्अ' को पहले बुझाते जाइए शुक्रिया लुत्फ़-ए-मुसलसल का मगर गाहे गाहे दिल दुखाते जाइए दुश्मनों से प्यार होता जाएगा दोस्तों को आज़माते जाइए रौशनी महदूद हो जिन की 'ख़ुमार' उन चराग़ों को बुझाते जाइए