हम आइने में जवानी तलाश करते रहे मोहब्बतों की कहानी तलाश करते रहे हमारे दिल पे अजब इज़्तिराब तारी रहा नज़र नज़र में कहानी तलाश करते रहे शुऊ'र माज़ी के कर्ब-ओ-बला में उलझा रहा शराब हम भी पुरानी तलाश करते रहे हमारे अज़्म की बुनियाद कितनी गहरी थी वो इक घड़ी थी सुहानी तलाश करते रहे नसीहतों का असर हम पे ख़ाक भी न हुआ किसी की बात न मानी तलाश करते रहे तिरे फ़िराक़ में रोना बहुत ज़रूरी था हम अपनी आँख में पानी तलाश करते रहे तुम्हारे क़ुर्ब के मौसम किधर गए 'तारिक़' किधर गई वो जवानी तलाश करते रहे