हमारे साँवले कूँ देख कर जी में जली जामुन लगा फीका सवाद उस का नहीं लगती भली जामुन सरापा आज नमकीनी ओ नरमी ओ गुदाज़ी सूँ हुआ ये साँवला गोया नमक में की गली जामुन लगे है तुर्श ज़ाहिर में पे है ये साँवला मीठा मज़े-दारी में है गोया ये मिस्री की डली जामुन तुम्हारे रंग की तमसील उस कूँ दूँ तो खुल जावे ख़ुशी सीं साँवरी हो कर के कोयल की कली जामुन क्या रम साँवरे नें 'आबरू' कूँ देख कर पानी लगा बरसात का मौसम देखो यारो चली जामुन