हमें तो ख़्वाहिश-ए-दुनिया ने रुस्वा कर दिया है बहुत तन्हा थे उस ने और तन्हा कर दिया है अब अक्सर आईने में अपना चेहरा ढूँडते हैं हम ऐसे तो नहीं थे तू ने जैसा कर दिया है धड़कती क़ुर्बतों के ख़्वाब से जागे तो जाना ज़रा से वस्ल ने कितना अकेला कर दिया है अगरचे दिल में गुंजाइश नहीं थी फिर भी हम ने तिरे ग़म के लिए उस को कुशादा कर दिया है तिरे दुख में हमारे बाल चाँदी हो गए हैं और इस चाँदी ने क़ब्ल अज़ वक़्त बूढ़ा कर दिया है तअ'ल्लुक़ तोड़ने में पहल मुश्किल मरहला था चलो हम ने तुम्हारा बोझ हल्का कर दिया है ग़म-ए-दुनिया ग़म-ए-जाँ से जुदा होने लगा था 'हसन' हम ने मगर दोनों को यकजा कर दिया है