हर क़दम राह-ए-वफ़ा ढूँडने वाला तेरा अब कहाँ जाए बता चाहने वाला तेरा जाने वाले ने तो हर गाम पे मुड़ कर देखा इक इशारा न मिला रोकने वाला तेरा अहल-ए-साहिल ये कहें देख के तुग़्यानी को अब किनारे न लगा डूबने वाला तेरा सानेहा है कोई सय्याद के पीछे पीछे बच न पाएगा बुरा सोचने वाला तेरा देख सकती नहीं दुनिया तो शिकायत कैसी देखता है वो सभी देखने वाला तेरा