हर सदाए इश्क़ में इक राज़ है नाला-ए-दिल ग़ैब की आवाज़ है इश्क़ ने दिल को पुकारा इस तरह मैं ये समझा आप की आवाज़ है उन से मिल कर मैं उन्हीं में खो गया और जो कुछ है वो आगे राज़ है हुस्न के जल्वों को अपने दिल में देख लन-तरानी दौर की आवाज़ है वुसअत-ए-तंज़ीम-ए-क़ुदरत देखना एक दिल में दो-जहाँ का राज़ है