हवा की चाल चल जाएगा तू भी ख़बर क्या थी बदल जाएगा तू भी कहाँ ठहरी है ख़्वाहिश कोई दिल में मिरे दिल से निकल जाएगा तू भी मुख़ातब हूँ जमाल-ए-यार तुझ से मिसाल-ए-माह ढल जाएगा तू भी बस अपने तजरबे की रौशनी में मैं समझा था सँभल जाएगा तू भी हँसे तू लाख मेरी तिफ़लगी पर खिलौनों से बहल जाएगा तू भी