हो के मिस्मार गिरने वाली है दिल की दीवार गिरने वाली है झुरियाँ पड़ रही हैं चेहरे पर दिल की सरकार गिरने वाली है अब तो आ जाओ के मिरी ये आँख हो के बीमार गिरने वाली है हम मोहब्बत में झुक गए या'नी सर से दस्तार गिरने वाली है दिल के ज़ीने से याद-ए-जानाँ फिर बन के लाचार गिरने वाली है इक परी-रू हमारी बाँहों में करके सिंगार गिरने वाली है अब कबूतर यहाँ नहीं आते अब ये मीनार गिरने वाली है एक तजल्ली तुम्हारे 'साहिल' पर इसी इतवार गिरने वाली है