होते हैं मुझ से रू-ब-रू आज़ार जा-ब-जा इस पर तिरे सितम हैं मिरे यार जा-ब-जा कार-ए-जहाँ को छोड़ तुम्हारी तलाश की तुम को भी हारे ढूँढ के सरकार जा-ब-जा ढूँढा अकेले तन्हा हकीमों को शहर भर फिरता रहा अकेले ही बीमार जा-ब-जा मजनूँ के इश्क़ पर हमें होगा यक़ीन जब लैला पुकारे क़ैस को सरशार जा-ब-जा