हम हैं दीवाने वो हैं फ़रज़ाने किस का क्या हाल है ख़ुदा जाने प्यासे प्यासे हैं ख़ुद ही पैमाने उजड़े उजड़े हुए हैं मयख़ाने कैसे समझूँ मैं अजनबी ख़ुद को लोग मिलते हैं जाने पहचाने उन को सीने से हम लगाते हैं जिन को ठुकरा दिया है दुनिया ने चश्म-ए-साक़ी की मेहरबानी से रक़्स करने लगे हैं पैमाने आप को वक़्त ख़ुद बता देगा कौन अपने हैं कौन बेगाने रस्म कैसी है ये मोहब्बत की आग में जल रहे हैं परवाने ज़िंदगी ऐ 'ज़मीर' उस की है तेरी आवाज़ को जो पहचाने