हम को तो बस फूल खिलाना आता है तुम को शायद आग लगाना आता है ताबीरों का सौदा किस को सौंप दिया माना तुम को ख़्वाब दिखाना आता है लौट के जाना चाहो तो जा सकते हो हम को तो बस आगे जाना आता है पल पल इश्क़ की मज़दूरी में सर्फ़ करे किस को इतना नाम कमाना आता है नक़्श बनाना और किसी का काम सही आईने को अक्स बनाना आता है और तो कुछ नहीं आता हम बे-ख़बरों को तेरी गली में आना-जाना आता है