हम को तुम को सब से पहले दरमियाँ रक्खा गया फिर कहीं जा कर ज़मीं पर आसमाँ रक्खा गया या'नी अव्वल तुम हमारी नींव में रक्खे गए या'नी इस बुनियाद पर सारा जहाँ रक्खा गया कुल मिला कर बस इसी इक बात का दुख है हमें हम यहाँ के थे ही कब हम को यहाँ रक्खा गया इक सितम ये है कि कुछ हम बे-जबीं रक्खे गए इक सितम ये भी कि बुत को बे-ज़बाँ रक्खा गया