इस एक बात पे रह रह के दिन गुज़ारे हैं किसी के हो न सके हम सो अब तुम्हारे हैं है लहर-लहर तेरा रास्ता ख़ुदा हाफ़िज़ हमारा काम यहीं तक था हम किनारे हैं है इक जहान का बार-ए-गराँ हमारे सर सो दो जहान तेरे दोश के सहारे हैं जो प्रेम झील में बिखरे हुए हैं दिल कंकर किसी के हिज्र ने ये पानियों पे मारे हैं वो लोग ख़्वाब भरी आँख ले कर आए थे अब उन के हाथ में टूटे हुए सितारे हैं