इंक़लाब आ गया देखिए बन गए बुत ख़ुदा देखिए ग़म के मारों से क्या वास्ता आप बस आइना देखिए मैं ने खाए हमेशा फ़रेब मेरा ज़ौक़-ए-वफ़ा देखिए आप की लाज रक्खे ख़ुदा आप हैं नाख़ुदा देखिए हम से सब बद-ज़न-ओ-बद-गुमाँ उन के सब हम-नवा देखिए दिल तो हाज़िर है लेकिन हुज़ूर आप हैं ख़ुद-नुमा देखिए शैख़ जी है ये शहर-ए-बुताँ पहले आब-ओ-हवा देखिए उन की नज़रें हैं बदली हुईं क्या दिखाए ख़ुदा देखिए ज़ुल्म 'अंजुम' वो करते रहे मैं भी हँसता रहा देखिए