इस लिए तैश आ गया था मुझे वो हँसी में उड़ा गया था मुझे तब ये काग़ज़ वग़ैरा होते न थे पत्थरों पर लिखा गया था मुझे इस जगह ठीक से ज़रा देखो वो यहीं पर छुपा गया था मुझे मुझ को इस बात पर हँसी आई दुनिया जैसा कहा गया था मुझे रात मैं उस पे थोड़ा ग़ुस्सा हुआ और फिर प्यार आ गया था मुझे अस्ल में उस तरफ़ बुलंदी थी जिस तरफ़ तू गिरा गया था मुझे जाने फिर क्या बना कहानी का अज़दहा एक खा गया था मुझे