इस तरह पी के वो शराब चले By Ghazal << आसमाँ सा मुझे घर दे देना रूह की बात सुने जिस्म के ... >> इस तरह पी के वो शराब चले जोश में अपने जैसे आब चले यूँ वो पर्दे में फिरते चलते हैं जैसे बदली में आफ़्ताब चले उस के कूचे में होने को काफ़िर आज जाते हैं शैख़-ओ-शबाब चले इस तरह सब्र दिल में आता है चोर जूँ पाँव दाब दाब चले Share on: