इश्क़ में कुछ भी हो सकता है ये तूफ़ान डुबो सकता है जब मंज़िल धुँदला जाए तो रस्ता खोटा हो सकता है यादों की चादर को ओढ़े कोई कैसे सो सकता है आज मिला तो पूछ रहा था क्या अब भी कुछ हो सकता है फूल झडें जिस के होंटों से वो भी ख़ार चुभो सकता है मेरे दिल की वुसअ'त देखो क्या क्या दर्द समो सकता है आँसू एक नदामत वाला हर लग़्ज़िश को धो सकता है उस ने कुन कहना है 'सादी' सोचो क्या क्या हो सकता है