जान आँखों में रही जी से गुज़रने न दिया By Ghazal << दफ़अ'तन बिछड़ेगा वो भ... भीगा हुआ है आँचल आँखों मे... >> जान आँखों में रही जी से गुज़रने न दिया अच्छी दीदार की हसरत थी कि मरने न दिया मुद्दतों कश्मकश-ए-यास-ओ-तमन्ना में रहे ग़म ने जीने न दिया शौक़ ने मरने न दिया ना-ख़ुदा ने मुझे दलदल में फँसाए रक्खा डूब मरने न दिया पार उतरने न दिया Share on: