जान जाए हक़ की ख़ातिर आए जब बारी मिरी काम कुछ आए मिरा सर और सरदारी मिरी क्यों तिरी टूटी सुराही ख़ुम तिरा ख़ाली हुआ आई है जब आज मेरे साक़िया बारी मिरी दिल की रख के दिल में अपने दिल किसी का रख लिया दिल मिरा बिस्मिल सही तू देख दिलदारी मिरी ज़िक्र मेरा आएगा महफ़िल में जब जब दोस्तो रो पड़ेंगे याद कर के यार सब यारी मिरी ख़ाक हो कर ही मिले शायद वफ़ा का कुछ सिला आज़मा जैसे रहे हैं वो वफ़ादारी मिरी मैं सितारों को कभी का छू चुका होता 'सदा' आई आड़े रास्ते में बस-कि ख़ुद्दारी मिरी