जान-ए-जहाँ जान-ए-जाँ जान-ए-जिगर मर्हबा जू-ए-बदन आफ़रीं मौज-ए-कमर मर्हबा लाल-ए-यमन एक संग दुर्र-ए-अदन एक संग एक लब-ए-सुर्ख़-रंग रश्क-ए-गुहर मर्हबा पैरहन-ए-नीम-पोश गुल-बदन-ए-नीम-होश ज़ुल्फ़ क़बा हो गई ता-ब-कमर मर्हबा साक़ी-ए-संदल-जबीं बिन्त-ए-इनब आतिशीं आग हुई शबनमीं दस्त-ए-हुनर मर्हबा जल्वा करे हश्र-ख़ेज़ पर्दा करे तेज़ तेज़ मू-ए-बदन हो गया तार-ए-नज़र मर्हबा