जब भी बरसी अज़ाब की बारिश रास आई शराब की बारिश मैं ने पूछा कि प्यार है मुझ से उस ने कर दी गुलाब की बारिश मैं ने तो इक सवाल पूछा था उस ने कर दी जवाब की बारिश हुस्न वालों के वास्ते कर दे ऐ ख़ुदा तू हिजाब की बारिश शाइ'री पर यक़ीं है बरसेगी एक दिन तो ख़िताब की बारिश मैं ने इक जाम और माँगा था उस ने कर दी हिसाब की बारिश देर तक साथ भीगे हम उस के हम ने यूँ कामयाब की बारिश प्यार से रोक दी 'अहद' मैं ने आज उस के इ'ताब की बारिश