जब ख़ुदा मेहरबान है प्यारे मेहरबाँ कुल जहान है प्यारे मुझ से क्यों बद-गुमान है प्यारे तू मिरा दिल है जान है प्यारे क्यों मरें हम किसी की उल्फ़त में जान है तो जहान है प्यारे हालत-ए-दिल न पूछ ऐ हमदम इक बड़ी दास्तान है प्यारे आदमी का बुरा-भला सब कुछ आदमी की ज़बान है प्यारे बे-नतीजा है आज-कल उल्फ़त मुफ़्त की खींच-तान है प्यारे प्यार कैसे न आए उर्दू पर कैसी प्यारी ज़बान है प्यारे सच है बे-माया की ज़माने में कोई इज़्ज़त न शान है प्यारे आख़िरी घर की फ़िक्र कर ऐ दिल तू यहाँ मेहमान है प्यारे हम तुम्हारे हैं तुम हमारे हो पर्दा क्यों दरमियान है प्यारे बे-तकल्लुफ़ रहो मिरे दिल में ये तुम्हारा मकान है प्यारे कौन बुढ्ढों को पूछता है 'अता' लाख हिम्मत जवान है प्यारे