जब पयाम-ए-विसाल आता है By Ghazal << ख़ुशी की राह में ग़म की र... छूटता है हाथ से दामन अगर ... >> जब पयाम-ए-विसाल आता है हिज्र का भी ख़याल आता है काश ये बात वो समझ पाते हुस्न पर भी ज़वाल आता है दर्द से आश्ना अगर दिल हो शायरी में कमाल आता है उन से इज़हार-ए-हाल कैसे करूँ ज़ह्न में ये सवाल आता है एक हद है उरूज की 'शाहिद' बाद इस के ज़वाल आता है Share on: