जब राब्ता क़लम का रवानी में आएगा किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा बरसात छत के रास्ते घर में उतर गई सूरज भी अब तो डूब के पानी में आएगा बचपन तो ला-शुऊ'र है हँस कर गुज़ार दे लुत्फ़-ए-ग़म-ए-हयात जवानी में आएगा पहलू बदल रहे हैं अभी से वो इस लिए उन का भी ज़िक्र मेरी कहानी में आएगा तुम देख तो रहे हो मुझे इल्तिफ़ात से लगता है कोई ज़ख़्म निशानी में आएगा आने से गर गुरेज़ है तस्वीर भेज दे चेहरा तो उस का याद-दहानी में आएगा दरवाज़े बंद कीजिए आँखों के अब 'असर' अब कौन भीगता हुआ पानी में आएगा