जब से तू बद-गुमान है प्यारे इक मुसीबत में जान है प्यारे दिल लगाना मज़ाक़ समझे हो सख़्त ये इम्तिहान है प्यारे दिल की रूदाद क्या कहूँ तुम से ख़ूँ-चकाँ दास्तान है प्यारे बात करते ही फूल झड़ते हैं वाह-वा क्या ज़बान है प्यारे नहीं रहती किसी की शान मुदाम ये ख़ुदा ही की शान है प्यारे तुम भला क्यों किसी पे ज़ुल्म करो फ़ित्ना-गर आसमान है प्यारे सर-ए-महफ़िल वो मुझ से बोले 'क़दीर' ख़ूब तर्ज़-ए-बयान है प्यारे