जब तलक ऐ दोस्त मेरी ज़िंदगी चलती रहे चाहता हूँ साथ तेरे दोस्ती चलती रहे जिस तरह ये ख़ामुशी अब साथ चलती है मिरे ठीक वैसे साथ तेरे हर ख़ुशी चलती रहे छोड़ कर तुम जा चुके हो फिर भी हम ज़िंदा तो हैं या'नी कश्ती रुक भी जाए पर नदी चलती रहे क़हक़हों से राब्ता हो और तेरा ग़म भी हो बारिशों में भीग कर भी ये घड़ी चलती रहे इत्तिफ़ाक़न गर कहीं वो मिल गए तो ऐ ख़ुदा आँख नम हो जाए मेरी पर हँसी चलती रहे अब तुम्हारे बाद मेरी ज़िंदगी में क्या बचा तीरगी ही तीरगी है तीरगी चलती रहे