जफ़ाओं का उन की करम देखते हैं मज़ा दिल लगाने का हम देखते हैं नज़र से मिला कर निगाहें चुराना अदा में ये उन की सितम देखते हैं मुक़ाबिल वो होते हैं जब आइने के करिश्मा नज़ाकत का हम देखते हैं सियह उन की ज़ुल्फ़ें हसीं उन का चेहरा बहारों का आँचल बहम देखते हैं सँवर कर चमन में वो आए हैं 'बासिर' बहारें ये क़ुदरत की हम देखते हैं