ज़िंदगी में किसी रुख़ का किसी दुख का होना अच्छा होता है सफ़र में कोई अपना होना दर्द भी मौज के मानिंद सफ़र करते हैं अच्छा रहता है पलक पर कोई तारा होना ठोकरें मारने लगता है लहू नस नस में कितना दुश्वार है तेरा मिरा अपना होना एक हम हैं कि तिरे हो के भी आवारा हैं अपनी तक़दीर है आवाज़ा-ए-सहरा होना कारगर कौन रहा कार-ए-वफ़ा में 'ख़ालिद' किस की क़िस्मत में है फ़रहाद का तेशा होना