ज़िंदगानी का क्या करें साहब राएगानी का क्या करें साहब आप के हुक्म के ग़ुलाम हुए हुक्मरानी का क्या करें साहब दिल के खंडरात हम को काफ़ी हैं राजधानी का क्या करें साहब हम मकानों की क़ैद के पंछी ला-मकानी का क्या करें साहब ज़ालिमों की महान बस्ती में शादमानी का क्या करें साहब बाग़ सन्नाटा धूल और पत-झड़ बाग़बानी का क्या करें साहब आप आए तो हैं कहानी में अब कहानी का क्या करें साहब दिल है ज़िंदा मगर धड़कता नहीं आँ-जहानी का क्या करें साहब