जल के राख होने की कोशिशें नहीं होतीं देर-पा बहुत दिल की ख़्वाहिशें नहीं होतीं ख़ुद-ब-ख़ुद ही खुलते हैं दिल में फूल ख़ुशियों के दिल को शाद रखने की काविशें नहीं होतीं दोस्त भी सफ़ों में हैं और अपने दुश्मन भी कामयाब फिर कैसे साज़िशें नहीं होतीं तख़्त-ओ-ताज माँगे से कब किसी को मिलता है दिल की बादशाही में बख़्शिशें नहीं होतीं एक जुस्तुजू दिल को मुज़्तरिब सी रखती है बे-सबब तो क़िस्मत की गर्दिशें नहीं होतीं हाल अपना आ के ख़ुद वो हमीं को बतलाएँ हम से उन की जा के तो पुर्सिशें नहीं होतीं मो'जिज़ों पे ज़िंदा हैं और दुआएँ करते हैं हिजरतों के मौसम में बारिशें नहीं होतीं