जाते जाते वो ये सज़ा देगा मुझ को जीने की वो दुआ देगा मैं खिलौना हूँ उस के हाथों में जी बहल जाएगा भुला देगा वक़्त की मुट्ठियों में कुछ भी नहीं वक़्त देगा तो हम को क्या देगा वो तो आँधी का एक झोंका है आएगा और दिए बुझा देगा कल सुनेगा जो मेरा नाम कहीं फेर कर मुँह वो मुस्कुरा देगा पानियों पर लिखी कहानी हूँ कोई तूफ़ाँ मुझे मिटा देगा ख़ुद ही लिक्खेगा मेरा रेत पे नाम ख़ुद ही क़दमों से फिर मिटा देगा मुझ को अंजान बन के देखेगा और मुझे अजनबी बना देगा सूखे पत्ते की तरह तुम को 'हसन' वक़्त ख़ुद शाख़ से गिरा देगा