जौर के बा'द है क्यों लुत्फ़ ये आदत क्या है तुम तलाफ़ी जो करो इस की ज़रूरत क्या है एक दिन मान ही जाओगे हमारा कहना तुम कहे जाओ यही तेरी हक़ीक़त क्या है वादा-ए-वस्ल से इंकार है तो क़त्ल करो तुम से हम पूछते हैं इस में क़बाहत क्या है बोसा माँगा तो कहा उस ने बदल कर चितवन आप को ये भी ख़बर है मिरी आदत क्या है हाए क्या था वो ज़माना कि तुम आगाह न थे शुक्र किस चीज़ को कहते हैं शिकायत क्या है क्या कहूँ किस से कहूँ दिल की हक़ीक़त ऐ 'दाग़' सब यही पूछते हैं कहिए तो हज़रत क्या है