जिस के ईमाँ पर बुत-ए-काफ़र हँसे अल्लाह अल्लाह वो हँसे क्यूँकर हँसे हुस्न-ए-माह-ओ-माहवश सेहर-आफ़रीं हाए जादूगर पे जादूगर हँसे क़ुलक़ुल-ए-मीना दिखाए जब असर मैं हँसूँ साक़ी हँसे साग़र हँसे क्यूँकर आती है हँसी किस को ख़बर उन पे मैं हैराँ हूँ जो मुझ पर हँसे इक पते की बात कहता हूँ सुनो कोई हँस कर रोए या रो कर हँसे इक पता की बात कहता हूँ सुनो कोई हँस कर रोए यारो कर हँसे फब्तियाँ कहने पे मैं आऊँ अगर वाइ'ज़-ए-ज़ीशाँ सर-ए-मिंबर हँसे क्या ख़बर 'मंज़ूर' है किस ध्यान में वो तो वो ज़ाहिद फ़रिश्तों पर हँसे