जिस्म का सारा लहू आँखों में भर जाने दिया बात इज़्ज़त पर अगर आई तो सर जाने दिया सस्ते लोगों को पलट कर कुछ नहीं बोला कभी हम ने कुछ लोगों को उन की मौत मर जाने दिया पहले पहले तो बहुत रक्खा हया का एहतिमाम रफ़्ता रफ़्ता फिर उसे हद से गुज़र जाने दिया हम ने ना-फ़हमों से कर के शायरी पर गुफ़्तुगू राएगाँ हरगिज़ न लफ़्ज़ों का हुनर जाने दिया उस ने बस इक बार जाने को कहा था 'अल्तमश' रोक सकते थे उसे हम ने मगर जाने दिया