जीतने वालो इतना बता दो सच-मुच जीत तुम्हारी है या अब हम ने प्यार की बाज़ी ख़ुद ही जान के हारी है गर्म हवा ने हर गोशे में गुल को चमन के झुलसा है जो क्यारी शादाब थी अब तक मौसम उस पे भारी है वक़्त है सब का साथी लेकिन वक़्त किसी के साथ नहीं कल तक मेरा दौर रहा था आज तुम्हारी बारी है तेरी ख़ातिर दिल ही दिल में बुझ बुझ कर रह जाते हैं वर्ना हर इक साँस हमारी शो'ला है चिंगारी है