जियो जीने दो लोगों को सभी को शाद रहने दो ये दुनिया ख़ूबसूरत है इसे आबाद रहने दो न फिर भड़काओ शो'लों को न रक्खो बम किताबों में ये बच्चे फूल से बच्चे हैं इन को शाद रहने दो धुआँ उगलेगी ये धरती लहू की बारिशें होंगी न इतना ज़ुल्म फ़रमाओ हमें आबाद रहने दो ये जन्नत है इसे जन्नत-कदा ही ता-अबद रखना यहाँ के ज़र्रे ज़र्रे को गुल-ओ-शमशाद रहने दो करो एलान ख़ुशियों का बहारों के तरानों का हर इक आँगन को बस्ती के मिरे आबाद रहने दो क़यामत आई तो सब राख हो जाएगा ये गुलशन सितम की धूप से इस को अभी आज़ाद रहने दो बड़ी क़ुर्बानियाँ दे कर इसे हम ने तराशा है इसी पैकर से वाबस्ता हसीं हर याद रहने दो