जो अपने शाने नहीं लगेंगे By Ghazal << जो मिल गया है उस से सिवा ... जी रहे हो अपनी गर्दन तान ... >> जो अपने शाने नहीं लगेंगे कभी ठिकाने नही लगेंगे ख़ुदा बनाते हुए ये सज्दे कमी बनाने नहीं लगेंगे हम अपने अंदर हम अपने बाहर हमें ज़माने नहीं लगेंगे कमी रहेगी कमी रहेगी कुछ इक ख़ज़ाने नहीं लगेंगे ये चंद तारे ये पेड़ पौदे हमें थकाने नहीं लगेंगे Share on: