जो लोग कि इंसान की इज़्ज़त नहीं करते वो लोग ख़ुदा से भी मोहब्बत नहीं करते रखते हैं वही वुसअ'त-ए-अफ़्लाक पे नज़रें जो दार पे भी तर्क-ए-सदाक़त नहीं करते जिस बात से इंसान के जज़्बात हों मजरूह हम भूल के भी ऐसी हिमाक़त नहीं करते गिर जाते हैं ख़ुद अपनी निगाहों से वो इंसाँ जो अपने पराए से मुरव्वत नहीं करते तक़्सीम करेंगे वो कहाँ इल्म की दौलत जो होंट हिलाने की भी ज़हमत नहीं करते हैं एक 'सिराज' उन के लिए अपने पराए कम-ज़र्फ़ किसी की भी हिमायत नहीं करते