कई दिन से कोई हिचकी नहीं है By Ghazal << हर एक जिस्म पे बस एक ही स... दिल में अब आवाज़ कहाँ है >> कई दिन से कोई हिचकी नहीं है वो हम को याद अब करती नहीं है सिवा तेरे जिधर से कोई आए हमारे दिल में वो खिड़की नहीं है मैं जिस दरिया में काँटा डालता था सुना है अब वहाँ मछली नहीं है थीं जितनी सब कुएँ में फेंक आए हमारे पास अब नेकी नहीं है Share on: