कब हुई ख़त्म रात याद नहीं क्या हुई उन से बात याद नहीं कब लुटा कारवाँ सितारों का कब लुटी काएनात याद नहीं कैसे गुज़रे वो बे-ख़बर लम्हे कैसे गुज़री हयात याद नहीं किस ने जीती है इश्क़ की बाज़ी किस ने खाई है मात याद नहीं वो खुली ज़ुल्फ़ वो खुली बाहें क़ैद थी या नजात याद नहीं वो मिरा जश्न-ए-ना-मुरादी था या किसी की बरात याद नहीं कब मिले थे कहाँ मिले थे वो 'फ़ैज़' इतनी सी बात याद नहीं