कहाँ से कलेजा ये लाए मोहब्बत अबस है ये लंगर उठाए मोहब्बत ज़माने में इस की ज़रूरत है सब को जहाँ से मिले कोई लाए मोहब्बत है सीना कुशादा मिरे शहर का पर है सद हैफ़ जो तू न पाए मोहब्बत ये ही दहर की है हक़ीक़ी कहानी किसी ने न पाई दवा-ए-मोहब्बत मैं तिश्ना-लबी को लिए मुंतज़िर हूँ मैं सुन लूँ ख़ुदाया सदा-ए-मोहब्बत अदावत से दुनिया को तुम भर रहे हो तो रस्ता कहाँ से ये पाए मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत ख़ुदा सब को बख़्शे शिफ़ा-ए-मोहब्बत झुलसने नहीं देगी 'फ़हमी' समझ लो ख़ुदा की अता ये रिदा-ए-मोहब्बत