कहीं भी मैं रहूँ तेरा ख़याल तो होगा तिरे बिछड़ने का दिल में मलाल तो होगा तिरे लिए तो कई रास्ते निकल आए मिरे लिए भी कहीं इंदिमाल तो होगा बहुत ही ख़ाली हुआ दिल मगर कहीं इस में यक़ीं नहीं तो कोई एहतिमाल तो होगा रवाँ रहेगा अगर रह-गुज़र के साथ यूँही ये सब्ज़ा पैरों तले पाएमाल तो होगा जो रौशनी ही अलामत है तेरे मिलने की जहाँ चराग़ जलेगा विसाल तो होगा