क़ासिद-ए-ख़ुश-फ़ाल लाया उस के आने की ख़बर दिल तो ख़ुश करता है बारे ये बहाने की ख़बर वो बुत-ए-बे-रहम हम से यूँ जुदाई कर गया हाए किस काफ़िर को थी इस बद ज़माने की ख़बर बुलबुलो दो दिन ग़नीमत है ये फ़ुर्सत ऐश की बाग़ से है आज कल ही गुल के जाने की ख़बर ता-अबद ख़ाली रहे या-रब दिलों में उस की जा जो कोई लावे मिरे घर उस के आने की ख़बर मेरे दिल को निस्बत-ए-फ़रहाद-ओ-मजनूँ आर है दूर हो मुझ को नहीं है इस दिवाने की ख़बर कौन किस की इश्क़ के ज़िंदाँ में ग़म-ख़्वारी करे ख़ून-ए-दिल लेता है मेरे पीने खाने की ख़बर आ गया नादान तू उस के फ़रेब-ए-लुत्फ़ में मुझ को 'हसरत' सब थी उस के दिल लुभाने की ख़बर