कौन है अपना कौन पराया ये मत पूछ धोका दे जाता है साया ये मत पूछ हिजरत का दुख दिल छलनी कर देता है कैसे कोह-ए-ग़म को उठाया ये मत पूछ अपना चेहरा देख के कल मैं चीख़ उठा माज़ी किस ने हाल बनाया ये मत पूछ पंजों के बल ऊँचा होना ठीक नहीं लेकिन मैं ने क़द क्यों बढ़ाया ये मत पूछ सारी यादें अलमारी में रख आया साथ में अपने क्या क्या लाया ये मत पूछ मेरे चारों जानिब थे अहबाब मगर पीठ पे किस ने तीर चलाया ये मत पूछ ख़ुद-ग़र्ज़ी का दौर है 'ज़ाहिद' ये भी सोच किस ने किस का साथ निभाया ये मत पूछ