कौन ख़ालिक़ है कैसी मूरत है तेरी सूरत अजीब सूरत है ये फ़साना नहीं हक़ीक़त है कि मुझे आप से मोहब्बत है दिल की हालत सँभालने के लिए शब-ए-ग़म आप की ज़रूरत है मुंजमिद ख़ून हो गया दिल में कितनी पुर-लुत्फ़ तेरी सूरत है आप ने हौसला दिया मुझ को पास आने की ये जसारत है बरमला रूठना बहल जाना कितनी दिलचस्प ये अदावत है