कोई तो चाहिए हम को सहारा तेरे बा'द उदास उदास रहा शहर सारा तेरे बा'द जो आसमाँ पे हमारे लिए चमकता था वो मुझ से रूठ गया है सितारा तेरे बा'द लगा के ज़ख़्मों पे मरहम तुम्हारी यादों का कुछ ऐसे दिल को मिरी जाँ सँवारा तेरे बा'द तू साथ था तो मैं सब झेलता था दुनिया को किसी के नाज़ करूँ क्यूँ गवारा तेरे बा'द हज़ारों लोग मिरे ख़ैर-ख़्वाह थे लेकिन किसी को भी नहीं मैं ने पुकारा तेरे बा'द 'ख़लील' अपने मुक़द्दर में अब ख़ुशी ही नहीं मैं हर किसी से लड़ा और हारा तेरे बा'द