ख़ामुशी इज्तिनाब से पहले इक सितम आफ़्ताब से पहले इतनी जल्दी अभी कहाँ पीरी गुनह कर लूँ सवाब से पहले उस हसीं चश्म के तसव्वुर से नश्शा आया शराब से पहले दिन ढले आ गए वो मेरे घर देखी ता'बीर ख़्वाब से पहले इतना बोझल थका हुआ माहौल है सुकूँ इंक़लाब से पहले फ़ित्ने उट्ठे मगर 'हबीब' कहाँ उन के अहद-ए-शबाब से पहले