ख़त उन को भेजा है दिल के सुझाव पर हम ने भरोसा कर लिया काग़ज़ की नाव पर हम ने ये दिल का ज़ख़्म तो भरने में ही नहीं आता रखा है प्यार का मरहम भी घाव पर हम ने ये एक सच है कि तुम को भुला नहीं पाए अमल किया था तुम्हारे सुझाव पर हम ने सफ़ीना डूबना लाज़िम था अपनी हस्ती का कि ख़्वाहिशों को भी लादा था नाव पर हम ने फ़क़त हयात की तल्ख़ी नहीं है शे'रों में लिखा है अपने भी ज़ेहनी तनाव पर हम ने क़िमार-ख़ाना-ए-आलम से तजरबा जो मिला लगा दिया है वो हासिल भी दाव पर हम ने हयात दब गई आराइशों के मलबे में गँवा दी उम्र इसी रख-रखाव पर हम ने