ख़त्म होने जा रही है राएगानी शुक्रिया शुक्रिया ऐ दिल ऐ मेरे यार-ए-जानी शुक्रिया दश्त में खिलने लगा है इश्क़ का ताज़ा गुलाब मुस्कुरा कर देखिएगा मेहरबानी शुक्रिया आख़िरश तू ने कहीं से तो मुझे आवाज़ दी दिल पे पत्थर रख के मेरी बात मानी शुक्रिया जाग ऐ क़िस्मत कि तेरी गोद में सर रख दिया सहल कर दे मुझ पे थोड़ी ज़िंदगानी शुक्रिया आप ने 'राशिद' ख़िज़ाँ में सब्ज़ कर डाला मुझे आप के आने से आई शादमानी शुक्रिया