ख़याल इतना सितम-ईजाद रखना वफ़ाएँ कुछ हमारी याद रखना नहीं शिकवा जो रक्खा हम को नाशाद क़यामत है अदू को शाद रखना बता क्या था कि मुझ को क़त्ल कर के जिगर पर हाथ ओ जल्लाद रखना अदू के साथ करना ऐश-ओ-इशरत हमें ओ बेवफ़ा नाशाद रखना जो महफ़िल में हो तेरी दौर-ए-साग़र ज़रा साक़ी हमें भी याद रखना खिंचे उस शोख़ की तस्वीर दिलकश अदा कोई नई बहज़ाद रखना मुझे दुनिया से जिस बुत ने मिटाया ख़ुदाया तू उसे आबाद रखना मिरा दिल नाज़ों का पाला हुआ है लिए जाते हो उस को शाद रखना कहीं मिल जाए दिल उस का न ऐ दिल ख़याल इतना दम-ए-फ़रियाद रखना ग़ज़ब है तुझ को ओ क़ातिल न आया गले पर ख़ंजर-ए-फ़ौलाद रखना 'दिलेर' इतना कहे देते हैं तुम से ख़याल-ए-ख़ातिर-ए-जल्लाद रखना